राजस्थान के झुंझुनूं जिले के धनूरी थाना परिसर में जब कोई शिकायत लेकर पहुंचता है, तो उसे अब थाने की चारदीवारी के बजाय एक हरियाली से भरपूर लॉन में FIR दर्ज कराई जाती है। यह थाना अब किसी रिसॉर्ट की तरह नजर आता है — जहां आम, जामुन, खजूर, पीपल और बरगद जैसे 1200 से अधिक पेड़ हैं और 1000 वर्गफीट का हराभरा लॉन है।
एक वीरान रेत के टीले से शुरू हुआ सफर
धनूरी थाना तीन साल पहले सदार और मलसीसर थानों को मिलाकर एक वीरान पहाड़ी पर स्थापित किया गया था। न तो आसपास कोई बस्ती थी और न ही कोई सड़क। यहां तैनात SHO रामनारायण चोयल ने डेढ़ साल पहले पदभार संभालने के बाद इस वीरान स्थान को बदलने की ठान ली।
उन्होंने पुलिसकर्मियों और स्थानीय भामाशाहों की मदद से बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करवाया। नतीजा यह हुआ कि महज 18 महीनों में यह इलाका हरियाली से भर गया।
प्रकृति में ही है सुकून
शिकायत लेकर आने वाले लोग अक्सर मानसिक तनाव में होते हैं। ऐसे में हरियाली और खुले वातावरण में बैठकर बात करने से उन्हें राहत मिलती है। कई बार शिकायतकर्ता और पुलिस अधिकारी लॉन में बैठकर चर्चा करते हैं ताकि संवाद सहज हो सके।
थाने में चारों ओर तारबंदी की गई है जिससे जानवर पेड़ों को नुकसान न पहुंचा सकें। पेड़ों की देखभाल खुद पुलिसकर्मी करते हैं, और समय मिलने पर बाजरे की फसल भी उगाते हैं।
पुलिसकर्मियों के लिए हट्स और VIP कक्ष
थाने में भामाशाहों की मदद से चार हट्स बनाए गए हैं। इनमें से एक हट को VIP कक्ष के रूप में विकसित किया गया है, जहां पंखा, कूलर, सोफा और बेड जैसी सुविधाएं हैं। जिला अधिकारी या VIP मेहमानों के आने पर यहीं उनका ठहराव होता है। इससे पुलिसकर्मियों को भी आराम और बेहतर माहौल मिलता है।
क्यों खास है यह खबर झुंझुनूं के लिए?
- यह पहल दिखाती है कि सीमित संसाधनों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।
- अन्य सरकारी संस्थानों के लिए यह एक प्रेरणा बन सकती है।
- स्थानीय लोग अब थाने से डरते नहीं, बल्कि वहां घूमने और आराम से संवाद करने भी आते हैं।



