राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने राज्यभर में ग्रामीण स्तर पर सुरक्षा नेटवर्क मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कम्युनिटी पुलिसिंग मॉडल को दोबारा सक्रिय करते हुए अब 15 अगस्त 2025 तक 40,000 नए ग्राम रक्षकों (Village Guards) की भर्ती की जाएगी।
यह फैसला पुलिस बल की कमी, बढ़ते अपराध और सीमित संसाधनों के बीच स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है।
क्या है ग्राम रक्षक योजना?
ग्राम रक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की मदद करने वाले स्वैच्छिक सुरक्षा कर्मी होते हैं, जो अपने गांव में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देते हैं, स्थानीय विवादों को समय पर सूचित करते हैं और पुलिस के जनसंपर्क बढ़ाने में मदद करते हैं।
साल 2021 में 34,000 ग्राम रक्षक जोड़े गए थे। अब उनके कार्यकाल की समाप्ति पर नए रक्षकों की भर्ती की जा रही है।
भर्ती प्रक्रिया और पात्रता
| पात्रता | विवरण |
|---|---|
| शैक्षणिक योग्यता | न्यूनतम 8वीं पास |
| आयु सीमा | 40 से 55 वर्ष |
| अनुभव/प्राथमिकता | पूर्व सैनिक, अर्धसैनिक बल से सेवानिवृत्त, होमगार्ड |
| चरित्र प्रमाण पत्र | कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं |
| स्वास्थ्य स्थिति | शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक |
आवेदन कैसे करें?
- इच्छुक व्यक्ति स्थानीय थाने से आवेदन पत्र प्राप्त करें।
- भरे हुए फॉर्म को पुनः थाने में जमा करें।
- थानाधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद एसपी कार्यालय सूचीबद्ध करेगा।
- चयनित रक्षकों को प्रशिक्षण और पहचान बैज मिलेगा।
मानदेय और कार्यकाल
- ग्राम रक्षक का कार्यकाल 2 वर्ष निर्धारित है।
- पहले नियुक्त रक्षकों का कार्यकाल अगस्त 2025 में समाप्त माना गया है, उनका विस्तार नहीं किया जाएगा।
- मानदेय की राशि फिलहाल स्थानीय प्रशासन द्वारा तय की जाएगी, लेकिन पिछले कार्यकाल में ₹500–₹1000 प्रतिमाह के बीच भुगतान किया गया था।
क्यों जरूरी है ग्राम रक्षक योजना?
- कम नफरी वाली पुलिस चौकियों को सहयोग मिलता है।
- ग्रामीण जनता और पुलिस के बीच भरोसे का पुल बनता है।
- स्थानीय अपराध, झगड़े, अवैध गतिविधियों की निगरानी आसान होती है।
- आपातकालीन स्थितियों में प्रशासन को तुरंत सूचना मिलती है।
अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं, फिट हैं और समाज सेवा में रुचि रखते हैं — तो यह एक शानदार मौका है पुलिस के साथ जुड़कर अपने गांव की सुरक्षा में योगदान देने का। 15 अगस्त से पहले आवेदन करें।






