राजस्थान के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने संकेत दिया है कि राज्य में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव अब 2026 में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन कुछ संस्थाओं का कार्यकाल 2026 में खत्म होगा। चुनाव की तारीख पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री और चुनाव आयोग लेंगे। साथ ही उन्होंने फर्जी पेंशन मामलों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
| मुख्य मुद्दा | मंत्री का बयान |
|---|---|
| स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव | संभावना है कि 2026 में होंगे, ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ पर काम जारी |
| फर्जी पेंशन मामले | फर्जी दस्तावेज़ों पर पेंशन लेने वालों पर FIR, रिकवरी और पेनल्टी की कार्रवाई |
| ‘गिव अप’ अभियान | योग्य लोग योजना से बाहर हों, ताकि ज़रूरतमंदों को लाभ मिले |
| विकलांगजन कल्याण | पहली बार ₹150 करोड़ के बजट से इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर और कृत्रिम अंग |
| अवैध खनन | कड़ी कार्रवाई, रॉयल्टी के साथ ग्रेवल ब्लॉक्स का आवंटन, ₹7-8 हजार करोड़ की उम्मीद |
फर्जी पेंशन पर सरकार की रणनीति:
- आधार में उम्र बदलने, आय छुपाने जैसे मामलों पर FIR दर्ज।
- ग्राम पंचायत स्तर पर अधिकारियों को मृतक या अपात्र पेंशनधारकों की जानकारी तुरंत देने के निर्देश।
- वार्षिक आय सीमा ₹48,000 से अधिक होने पर योजना से बाहर निकलने की अपील।
- ‘गिव अप’ से अब तक 23 लाख लोगों ने पेंशन छोड़ी, 50 लाख नए लाभार्थी जुड़े।
विभाग की नई पहलें:
- विकलांगजन को 4% आरक्षण और प्रमोशन में लाभ।
- ₹20,000 तक के कृत्रिम अंग और इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर।
- 92 लाख पेंशनधारक, जिनमें 6 लाख से अधिक विकलांगजन शामिल।
- कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस।
विपक्ष और कांग्रेस पर हमला:
- राहुल गांधी को ‘बंटी-बबली’ कहकर निशाना, प्रधानमंत्री बनने की संभावना नकार दी।
- कांग्रेस पर ईवीएम और चुनाव आयोग पर बेवजह सवाल उठाने का आरोप।
- अवैध खनन में कांग्रेस नेताओं की भूमिका का दावा।
अविनाश गहलोत के बयान से साफ है कि राजस्थान में चुनावी और सामाजिक दोनों मोर्चों पर बड़े फैसले आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं। सरकार फर्जीवाड़ा रोकने, चुनावी व्यवस्था मजबूत करने और कल्याणकारी योजनाओं को विस्तार देने के लिए आक्रामक मोड में है।


