भारतीय रेलवे के AC कोच में यात्री, गंदे वातावरण और तिलचट्टों के साथ सफर करते हुए, CAG रिपोर्ट का सच दर्शाता दृश्य।

AC कोच सबसे गंदे, 15 हजार से ज्यादा शिकायतें कीड़े-मकौड़ों की; CAG रिपोर्ट में खुला रेलवे का सच

CAG रिपोर्ट ने रेलवे की पोल खोली— AC कोच और प्रीमियम ट्रेनें सबसे गंदी, लाखों शिकायतें सफाई, पानी और लिनेन पर दर्ज।

भारतीय रेलवे के “सुरक्षित, साफ और आरामदायक सफर” के दावों की सच्चाई Comptroller and Auditor General (CAG) की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आ गई है। रिपोर्ट ने खुलासा किया कि सबसे महंगे टिकट वाले AC कोच ही सबसे गंदे साबित हो रहे हैं। यात्री जहां आराम और सुविधा के लिए ज्यादा किराया देते हैं, वहीं उन्हें चूहे-तिलचट्टों और गंदगी के बीच सफर करना पड़ रहा है।


79% शिकायतें AC कोच से
  • 2022-23 में रेलवे के Rail Madad प्लेटफॉर्म पर 15,028 शिकायतें सिर्फ चूहे और तिलचट्टों को लेकर दर्ज हुईं।
  • चौंकाने वाली बात यह कि इनमें से 79% शिकायतें AC कोच यात्रियों की थीं
  • यानी आरामदायक सफर के बजाय, यात्री असुविधा और गंदगी से जूझ रहे हैं।

सफाई और पानी की सबसे बड़ी समस्या
  • 2.42 लाख शिकायतें सिर्फ सफाई को लेकर दर्ज हुईं।
  • यह संख्या 2019-20 की तुलना में 69% ज्यादा है।
  • एक साल में 1 लाख से अधिक यात्रियों ने पानी की कमी की शिकायत की।
  • 26,144 शिकायतें गंदे या फटे लिनेन (चादर-कंबल) को लेकर हुईं।

कौन से जोन सबसे ज्यादा निशाने पर?
रेलवे जोन शिकायत प्रतिशत
साउथ सेंट्रल रेलवे13%
वेस्टर्न और सदर्न रेलवे11%
नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे10%
सबसे कम शिकायतेंNCR और SECR

कैग की ऑन-ग्राउंड जांच
  • कैग की टीम ने खुद 15 ट्रेनों में सफर कर जांच की।
  • नतीजा और भी चौंकाने वाला रहा — कई कोचों के टॉयलेट और वॉशबेसिन जाम मिले।
  • हर चौथे यात्री ने कहा कि उसने कोच में चूहे और तिलचट्टे देखे।

फीडबैक सिस्टम भी फेल
  • यात्रियों ने बताया कि शिकायत दर्ज करने के बाद कई बार PNR या मोबाइल नंबर गलत दर्ज हो जाते हैं
  • फीडबैक कॉलम अधूरे रह जाते हैं और शिकायतें लंबित रह जाती हैं।
  • साफ है कि रेलवे का शिकायत निवारण तंत्र यात्रियों का भरोसा जीतने में असफल साबित हो रहा है।
  • यह रिपोर्ट बताती है कि भारतीय रेल के दावे और यात्रियों का अनुभव एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं
  • यात्री जहां प्रीमियम किराया दे रहे हैं, वहीं उन्हें सुविधा और सफाई का बुनियादी हक भी नहीं मिल रहा
  • आने वाले समय में रेलवे के लिए साफ-सफाई और सुविधाएं सुधारना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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