बिहार में चल रहे SIR अभियान (Special Intensive Revision) के तहत मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। आरोप है कि लोगों से नागरिकता का सबूत मांगा जा रहा है, और कई लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
लोग आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड और राशन कार्ड दिखा रहे हैं — लेकिन भारत निर्वाचन आयोग (ECI) इन्हें नागरिकता प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं करता।
कौन से दस्तावेज़ नागरिकता साबित नहीं करते?
- Aadhaar Card: केवल पहचान और पते के प्रमाण के रूप में मान्य, नागरिकता का प्रमाण नहीं
- PAN Card: टैक्स संबंधित कार्यों में उपयोगी
- Ration Card: सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ा
- Voter ID: मतदान के लिए आवश्यक, लेकिन नागरिकता का कानूनी सबूत नहीं
इन सभी दस्तावेजों से आप सरकारी योजनाओं का लाभ तो उठा सकते हैं, लेकिन नागरिकता साबित नहीं कर सकते।
कौन से दस्तावेज़ मान्य हैं नागरिकता के लिए?
भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, केवल दो दस्तावेजों को नागरिकता का वैध प्रमाण माना जाता है:
- जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate):
- यह प्रमाणित करता है कि आपका जन्म भारत में हुआ था।
- जारी करने वाली संस्थाएं: नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत
- पुराने मामलों में जहाँ जन्म प्रमाण नहीं है, वहाँ Non-Availability Certificate (NAC) लिया जा सकता है।
- निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate):
- यह आपके भारत में स्थायी निवास का आधिकारिक सबूत है।
- जारी करने वाली संस्था: राज्य सरकार की लोक सेवा या तहसील कार्यालय
अगर जन्म प्रमाण पत्र नहीं है तो क्या करें?
यदि आपका जन्म 40–50 साल पहले हुआ था और उस समय जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं होता था, तो आपको ये कदम उठाने होंगे:
- Non-Availability Certificate (NAC) लें — जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन कार्यालय से
- उसके बाद:
- स्कूल का पहला प्रमाण पत्र (TC या एडमिशन रसीद)
- वोटर आईडी की कॉपी
- नोटरी हलफ़नामा
इन दस्तावेजों के आधार पर आप विलंबित जन्म प्रमाण पत्र (Delayed Birth Certificate) बनवा सकते हैं।
कहां से बनवाएं ये दस्तावेज?
- बर्थ सर्टिफिकेट / NAC:
नगर पालिका, नगर निगम या ग्राम पंचायत कार्यालय से - निवास प्रमाण पत्र:
संबंधित तहसील कार्यालय, या राज्य की लोक सेवा वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करें






