झुंझुनू में सफल घुटना प्रत्यारोपण के बाद वॉकर के सहारे खड़ी महिला मरीज

चिरंजीवी योजना के तहत झुंझुनू में महिला के दोनों घुटनों का सफल ऑपरेशन

झुंझुनू की बाला देवी को चिरंजीवी योजना के तहत दोनों घुटनों का सफल ऑपरेशन मिला और अब वह फिर से चलने लगी हैं। सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं की बड़ी सफलता।

सरकारी स्वास्थ्य योजना ‘चिरंजीवी योजना’ ने एक बार फिर आमजन के लिए वरदान साबित होते हुए एक महिला मरीज की जिंदगी को नई दिशा दी है। झुंझुनू जिले की निवासी बाला देवी को घुटनों में लंबे समय से गंभीर परेशानी थी। लेकिन अब, चिरंजीवी योजना के तहत हुए द्विपक्षीय टोटल नी रिप्लेसमेंट (Bilateral Total Knee Replacement) के बाद वह दोबारा चलने में सक्षम हो गई हैं।

बाला देवी, जो पिछले कुछ वर्षों से चलने-फिरने में असमर्थ थीं, को झुंझुनू के एक मान्यता प्राप्त मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने दोनों घुटनों की हालत को गंभीर बताते हुए तत्काल T.K.R सर्जरी की सलाह दी।

हालांकि इस महंगी सर्जरी की लागत आम आदमी के बस से बाहर होती है, लेकिन राजस्थान सरकार की चिरंजीवी योजना के तहत यह ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क किया गया।

डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम ने आधुनिक तकनीकों के माध्यम से सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के ठीक कुछ दिन बाद ही बाला देवी को अस्पताल परिसर में वॉकर के सहारे चलने की प्रैक्टिस कराई गई, और उन्होंने आत्मविश्वास से पहला कदम रखा।

परिजनों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग का आभार जताते हुए कहा,
“अगर चिरंजीवी योजना नहीं होती तो हम कभी यह इलाज नहीं करा पाते। यह योजना सचमुच गरीबों के लिए जीवनरक्षक है।”

  • राजस्थान सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्रति परिवार ₹25 लाख तक का मुफ्त इलाज
  • योजना में पंजीकृत व्यक्ति को 1,576+ बीमारियों का इलाज कैशलेस रूप में मिलता है
  • झुंझुनू जिले के सैकड़ों अस्पताल इस योजना में शामिल हैं

इस सफलता ने न सिर्फ बाला देवी के परिवार में राहत की सांस दी, बल्कि झुंझुनू जिले में अन्य जरूरतमंदों के बीच भी सरकारी योजनाओं के प्रति विश्वास बढ़ाया है। यह घटना उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो इलाज के खर्च के कारण चुपचाप दर्द सहते रहते हैं।

झुंझुनू जैसे ग्रामीण जिलों में सरकारी योजनाओं की सक्रिय पहुंच और क्रियान्वयन यदि इस तरह होता रहा, तो हजारों लोगों को जीवन में नई आशा मिल सकती है। चिरंजीवी योजना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सरकार की सही योजना, सही हाथों में पहुंच जाए — तो चमत्कार होते हैं।

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