झुंझुनूं के सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार

झुंझुनूं में शिक्षा व्यवस्था में सुधार – सरकारी योजनाओं और फाउंडेशन का योगदान



झुंझुनूं जिला, जो पहले केवल अपने सैनिकों और देशभक्ति के लिए जाना जाता था, अब शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से पहचान बना रहा है। सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के साथ-साथ निजी संगठनों ने भी भागीदारी निभाई है।

Piramal Foundation for Education Leadership (PFEL) द्वारा जिले में कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को बेहतर शिक्षण संसाधनों, प्रशिक्षण और नेतृत्व कार्यक्रमों से जोड़ा गया है।

गांधी फेलोशिप, जो 2008 से झुंझुनूं में कार्यरत है, सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को नेतृत्व विकास और व्यवस्थागत बदलाव के लिए प्रशिक्षित कर रही है।

राज्य सरकार की शाला दर्पण योजना के तहत अभिभावकों को मोबाइल के जरिए अपने बच्चों की उपस्थिति, ग्रेड और स्कूल अपडेट्स की जानकारी दी जा रही है।

वहीं, Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan (RMSA) योजना के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा के ढांचे में काफी सुधार किया गया है, जिससे छात्र संख्या में भी बढ़ोतरी देखी गई है।


झुंझुनूं के लोगों के लिए क्यों जरूरी है ये खबर?

शिक्षा ही विकास की नींव होती है, और झुंझुनूं जिले के सरकारी स्कूलों में जब बदलाव दिखाई देता है, तो इसका असर सीधे परिवारों और बच्चों के भविष्य पर पड़ता है। सरकारी योजनाएं, जैसे RMSA, शाला दर्पण और गांधी फेलोशिप न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता सुधार रही हैं, बल्कि बच्चों के स्कूल से जुड़ाव और माता-पिता की भागीदारी भी बढ़ा रही हैं।


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