Child and senior citizen cleaning eyes carefully during rainy season in India

मानसून में आंखों के संक्रमण का खतरा बढ़ा – डॉक्टरों ने बताए ज़रूरी बचाव के उपाय

मानसून के मौसम में आंखों का संक्रमण तेजी से फैलता है। नेत्र विशेषज्ञों ने बताया कि थोड़ी सी सावधानी से इस समस्या से बचा जा सकता है।

मानसून का मौसम जहां वातावरण को ठंडक और राहत देता है, वहीं यह आंखों की सेहत के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय भी बन जाता है। इस मौसम में हवा में नमी और गंदगी की अधिकता के कारण बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं, जिससे आंखों में संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है

मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निरन डोंगरे बताते हैं कि अगर मानसून में आंखों की साफ-सफाई और देखभाल में थोड़ी सी भी लापरवाही हो जाए, तो इससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

मानसून में आंखों में संक्रमण कैसे फैलता है?

इस मौसम में हवा में अत्यधिक नमी, गंदे हाथों से आंखें छूना, भीगे रूमालों का उपयोग, और वातावरण में मौजूद सूक्ष्मजीव आंखों के संपर्क में आते ही संक्रमण फैला सकते हैं।
बारिश का पानी भी इन सूक्ष्मजीवों को सक्रिय कर देता है, जिससे आंखों में जलन, खुजली और चिपचिपाहट जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

कौन-कौन सी आंखों की बीमारियां इस मौसम में आम होती हैं?

  1. कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) – आंखों की सतह में सूजन और लाली
  2. स्टाई (Stye) – पलक के किनारे फुंसी जैसा संक्रमण
  3. एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस – धूल और पराग से होने वाली एलर्जी
  4. ड्राई आई इंफेक्शन – आंखों में सूखापन, जलन और लालिमा

मानसून में आंखों को संक्रमण से कैसे बचाएं?

  • बार-बार हाथ धोने की आदत डालें
  • आंखों को बिना वजह ना छुएं
  • गंदे या भीगे रुमाल का उपयोग बिल्कुल न करें
  • आंखों में बर्निंग या इचिंग हो तो डॉक्टर की सलाह के बिना कोई ड्रॉप या दवा न लें

कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों के लिए सावधानियां

  • गंदे या भीगे हाथों से लेंस न पहनें
  • लेंस सॉल्यूशन को दोबारा उपयोग न करें
  • लेंस को साफ और स्टेराइल कंटेनर में ही स्टोर करें
  • भीगने के बाद लेंस तुरंत निकाल लें

बच्चों और बुज़ुर्गों की आंखों की कैसे करें देखभाल?

  • बच्चों को हाथ धोने की आदत सिखाएं
  • आंखों में जलन या लाली हो तो उन्हें स्कूल न भेजें
  • तौलिए, तकिए, खिलौने साफ रखें
  • बुज़ुर्गों को डॉक्टर द्वारा दी गई आई ड्रॉप समय पर दें
  • किसी भी असहजता पर नेत्र विशेषज्ञ से तुरंत जांच कराएं

घरेलू नुस्खों से बचें

गुलाब जल, शहद, हल्दी या गीला कपड़ा आंखों पर रखने जैसी घरेलू विधियां कई बार संक्रमण को और बढ़ा सकती हैं
डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी चीज आंखों में न डालें।

कब डॉक्टर से मिलें?

अगर आपको या परिवार के किसी सदस्य को लगातार जलन, आंखों में चिपचिपापन, लाली या धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण हों — तो इन्हें नजरअंदाज न करें। ये संक्रमण की शुरुआती चेतावनी हो सकते हैं।

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