नई दिल्ली: बिहार के बाद अब भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देशभर में “विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR)” शुरू करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य देशभर की मतदाता सूचियों को पारदर्शी, त्रुटिहीन और विदेशी नागरिकों के नामों से मुक्त करना है।
बिहार से मिली सीख, अब राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई
हाल ही में बिहार के सीमांचल क्षेत्र में मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम पाए गए, जिससे आयोग ने यह निर्णय लिया कि अब सभी राज्यों में पुरानी मतदाता सूचियों की गहन समीक्षा आवश्यक है।
आखिरी बार ऐसा राष्ट्रीय अभियान दो दशक पहले (2002) हुआ था। तब से अब तक परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं, इसलिए अब मतदाता सूची को अपडेट करना जरूरी हो गया है।
राजस्थान में शुरू हुई तैयारी
राजस्थान में पिछली बार 2002 में SIR अभियान चलाया गया था। अब नई मतदाता सूची उसी आधार पर तैयार की जाएगी।
- 2002 के बाद बने नए वोटर: उन्हें पहचान से जुड़े दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
- 2002 से पहले के वोटर: उन्हें सिर्फ एक निर्धारित फॉर्म भरना होगा।
दिल्ली (2008) और उत्तराखंड (2006) जैसे राज्यों में पहले ऐसे अभियान चल चुके हैं।
जिन राज्यों में 2026 में चुनाव होने हैं, वहां विशेष फोकस
आयोग का ध्यान उन राज्यों पर विशेष रूप से केंद्रित है जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं:
- पश्चिम बंगाल
- असम
- केरल
- पुडुचेरी
- तमिलनाडु
इन राज्यों में सबसे पहले मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण किया जाएगा।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) क्या है?
इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को पूर्ण रूप से सही, अद्यतन और विश्वसनीय बनाना है। इसके अंतर्गत:
- मृतकों के नाम हटाना
- नए योग्य मतदाताओं को जोड़ना
- गलत जानकारियों को सुधारना (नाम, पता आदि)
- डुप्लीकेट नाम हटाना
- स्थायी रूप से क्षेत्र छोड़ चुके व्यक्तियों के नाम हटाना






