राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सख्त लेकिन प्रेरणादायक संदेश दिया—“पद को दिमाग में मत घुसने दीजिए, वरना बिगड़ सकता है दिमाग।”
उन्होंने कहा कि पद अस्थायी है, इसलिए अधिकारी हमेशा विनम्र रहें और जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें। पंत ने समझाया कि गलत रास्ता आसान है लेकिन सही रास्ता ही असली संतुष्टि देता है।
| बिंदु | संदेश |
|---|---|
| पद और व्यवहार | पद को दिमाग में न चढ़ने दें, हमेशा विनम्र रहें। |
| अच्छा इंसान | पहले अच्छा इंसान बनें, तभी अच्छे अधिकारी बनेंगे। |
| महिला सम्मान | महिला अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति सम्मान अनिवार्य है। |
| मीडिया/सोशल मीडिया | सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाएं। |
| स्वास्थ्य | शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें। |
| जनता की शिकायतें | 15 दिन में शिकायतें निपटाएं, बीकानेर औसत 17 दिन है। |
महिला अधिकारियों के सम्मान पर जोर
मुख्य सचिव ने कहा कि महिला सहकर्मियों के प्रति किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस मामले में पहले भी कई बड़े अधिकारियों को सेवा से हटा चुकी है।
जनता की शिकायतें 15 दिन में निपटाने का आदेश
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि संपर्क पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को 15 दिन के भीतर ही निपटाया जाए।
- अधिकारियों के लिए यह संदेश व्यवहार और विनम्रता पर ध्यान दिलाता है।
- जनता की शिकायतों को समय पर निपटाना पारदर्शी प्रशासन के लिए जरूरी है।
- महिला अधिकारियों के सम्मान पर सख्त चेतावनी से कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल सुनिश्चित होगा।
मुख्य सचिव का यह संदेश केवल अधिकारियों के लिए नहीं, बल्कि हर जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति के लिए सबक है—पद से पहले इंसानियत जरूरी है।


