पिछले तीन महीनों में राजस्थान की 1088 सड़कों के सैंपल लिए गए, जिनमें से 261 फेल हो गए। झुंझुनूं की सड़कों की हालत पर भी लोगों ने सवाल खड़े किए हैं।
राजस्थान की सड़क निर्माण गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले तीन महीनों में लिए गए 1088 सैंपलों में से 261 फेल पाए गए, यानी हर चौथी सड़क निर्माण में खामी मिली है।
अजमेर में चाचियावास और थांवला रोड से लिए गए सैंपल लैब टेस्ट में गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसी तरह नागौर और भीलवाड़ा जिले में भी स्थिति चिंताजनक है। झुंझुनूं शहर की सड़कों का भी हाल कमोबेश ऐसा ही है—लोगों का कहना है कि नई बनी सड़कों पर गड्ढे और टूट-फूट आसानी से दिख जाती है।
डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री दिया कुमारी ने अजमेर दौरे के दौरान सड़क क्वालिटी की जांच के आदेश दिए थे। अब रिपोर्ट सामने आने के बाद विभाग ने दोषी ठेकेदारों को नोटिस जारी कर दिए हैं। जहां निर्माण में लापरवाही मिली है, वहां पेनल्टी लगाने की तैयारी है।
अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट पूरी आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
| जिला | जांचे गए सैंपल | फेल सैंपल | फेल प्रतिशत |
|---|---|---|---|
| अजमेर | — | — | उच्च |
| नागौर | — | — | उच्च |
| भीलवाड़ा | — | — | उच्च |
| कुल (3 महीने) | 1088 | 261 | 24% |
झुंझुनूं की सड़कों पर सवाल
झुंझुनूं शहरवासियों का कहना है कि नगर की कई मुख्य सड़कों पर हाल ही में मरम्मत हुई थी, लेकिन बरसात के बाद उनकी परत उखड़ने लगी है। इससे यह साफ होता है कि निर्माण क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिया गया।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि जिले में भी सड़क निर्माण कार्यों की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो।
- सड़कों की खराब क्वालिटी से सरकारी धन की बर्बादी होती है।
- गड्ढों और टूटी सड़कों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
- लोगों की मांग है कि झुंझुनूं जिले में भी सैंपलिंग जांच की जाए ताकि जवाबदेही तय हो सके।
राजस्थान में सड़क क्वालिटी का मुद्दा अब बड़ा सवाल बन गया है। झुंझुनूं की जनता भी चाहती है कि जिले की हर सड़क का सैंपल टेस्ट हो और दोषियों को बख्शा न जाए।




