भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को ₹25,000 करोड़ की क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) लॉन्च की है। इसके तहत बैंक ने प्रति शेयर का फ्लोर प्राइस ₹811.05 रखा है।
यह पहली बार है कि SBI 2017 के बाद दोबारा इक्विटी बिक्री कर रहा है। इस फंडिंग का उद्देश्य है बैंक की मुख्य इक्विटी पूंजी (CET1) को मजबूत करना और साथ ही सरकारी हिस्सेदारी में मामूली कमी लाना।
₹811.05 का फ्लोर प्राइस SBI के बुधवार के क्लोजिंग शेयर प्राइस ₹831.55 से करीब 2.5% कम है। सेबी (SEBI) के नियमों के अनुसार, यह डिस्काउंट अधिकतम 5% तक हो सकता है।
अगर यह क्यूआईपी पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाती है, तो यह देश की अब तक की सबसे बड़ी संस्थागत इक्विटी शेयर बिक्री बन जाएगी — कोल इंडिया की ₹22,560 करोड़ QIP (2015) को भी पीछे छोड़ते हुए।
मार्च 2025 तक SBI में भारत सरकार की हिस्सेदारी 57.43% थी। इस क्यूआईपी के बाद इसमें थोड़ी कमी आएगी, जिससे मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के मानकों को भी बल मिलेगा।
मार्च 2025 तक SBI का CET1 अनुपात 10.81% था। इस फंडिंग से बैंक की बैलेंस शीट मजबूत होगी, जिससे लोन देने की क्षमता, जोखिम प्रबंधन और Basel III नियमन का पालन बेहतर तरीके से हो सकेगा।
बैंक ने यह भी बताया कि बोर्ड ने ₹20,000 करोड़ तक के अतिरिक्त टियर 1 (AT1) और टियर 2 बॉन्ड जारी करने की मंजूरी दी है। ये बॉन्ड वित्त वर्ष 2025–26 में घरेलू निवेशकों को दिए जाएंगे, ताकि लंबी अवधि के लिए फंडिंग सुनिश्चित की जा सके।
QIP क्या होता है?
क्यूआईपी (Qualified Institutional Placement) एक तरीका है जिसके जरिए लिस्टेड कंपनियां योग्य संस्थागत निवेशकों (QIBs) को शेयर जारी करके फंड जुटाती हैं। इनमें म्यूचुअल फंड्स, पेंशन फंड्स और वेंचर कैपिटल जैसे निवेशक शामिल होते हैं।
यह तेज और किफायती तरीका है जो आईपीओ के मुकाबले कम समय में पूंजी जुटाने में मदद करता है।






