UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस आज भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका है। मोबाइल से कुछ सेकंड में बिना किसी शुल्क के पेमेंट करने की सुविधा ने हर किसी की जिंदगी आसान बना दी है। लेकिन अब RBI गवर्नर के बयान के बाद सवाल उठ रहा है — क्या UPI हमेशा फ्री रहेगा?
| बैंक/संस्था | चार्ज दर | अधिकतम सीमा | किस पर लागू |
|---|---|---|---|
| ICICI बैंक (खाता बैंक में) | ₹0.02 प्रति ₹100 | ₹6 | पेमेंट सर्विस कंपनियां |
| ICICI बैंक (खाता बाहर) | ₹0.04 प्रति ₹100 | ₹10 | पेमेंट सर्विस कंपनियां |
RBI गवर्नर का बयान:
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि UPI ट्रांजैक्शन पर लागत आती है और इसे किसी न किसी को वहन करना होगा। सरकार फिलहाल इस खर्च को सब्सिडी से कवर कर रही है, लेकिन यह मॉडल लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहेगा।
ICICI बैंक की पहल:
रिपोर्ट्स के मुताबिक ICICI बैंक ने पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनियों से UPI ट्रांजैक्शन पर प्रोसेसिंग फीस लेना शुरू कर दिया है। आम उपभोक्ताओं और दुकानदारों से फिलहाल कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा।
UPI का बढ़ता इस्तेमाल:
जून 2025 में UPI ट्रांजैक्शन 18.4 बिलियन तक पहुंच गए, जो पिछले साल की तुलना में 32% ज्यादा है। इससे साफ है कि डिजिटल पेमेंट अब लोगों की रोजमर्रा की आदत बन चुका है।
आगे क्या हो सकता है?
- भविष्य में छोटे-छोटे शुल्क लगाए जा सकते हैं।
- खर्च का बोझ सरकार, बैंक या कंपनियों के बीच बांटा जा सकता है।
- आम लोगों से शुल्क लेने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
क्यों महत्वपूर्ण है:
- UPI पर किसी भी तरह का चार्ज सीधे करोड़ों यूजर्स को प्रभावित करेगा।
- डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में UPI की अहम भूमिका है।
- इस बदलाव से ई-कॉमर्स, रिटेल और छोटे कारोबार पर असर पड़ सकता है।






